साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं और ये लोकसभा चुनावों से पहले का अंतिम बजट(budget) है। ऐसे में सभी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट में लोकलुभावन घोषणाएं हो सकती है। सरकार मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए इस बार खास घोषणाएं कर सकती है। मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स फाइनेंस मिनिस्टर से 80C के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट बढ़ाए जाने की मांग काफी लंबे समय से कर रहा है.
कब शुरू होगा बजट(Budget) 2023-24 ?
वेतनभोगी(salaried) वर्ग के करदाता(taxpayers) आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 से इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax) में बदलाव और सरचार्ज में कमी की उम्मीद कर रहे हैं.बजट 2023 (Budget 2023) की घोषणाएं करदाताओं को बड़ी राहत दे सकती हैं.यूनियन बजट पेश होने में अब सिर्फ कुछ दिन बाकी हैं. 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट से सैलरीड(Salaried) क्लास टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को कई उम्मीदें हैं.
31 जनवरी को बजट सत्र (Budget Session) शुरू होगा और 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी.
Financial Year Union Budget 2023-24 Presented On Parliament Presented By Finance Minister Nirmala Sitharaman Presentation Date 1 Feb 2023 Release By Central Government Assign By President of India Nodal Organisation Department of Economic Affairs
1. 80C के तहत निवेश पर ज्यादा टैक्स छूट इस बजट(Budget) में
नौकरीपेशा के लिए धारा 80सी टैक्स बचाने का सबसे अहम सेक्शन होता है. इस सेक्शन के तहत छूट की सीमा बढ़ाने का मतलब है कि अधिक से अधिक लोगों को राहत मिलना है. बता दें कि मौजूदा समय में धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट 1.5 लाख रुपये है. उम्मीद है कि बजट 2023 में धारा 80C के तहत सरकार डिडक्शन लिमिट बढ़ाकर 200,000 रुपये सालाना कर सकती है.
2. स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ाए जाने की उम्मीद
इनकम टैक्स की धारा 16 (ia) के तहत वतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट 50000 रुपये प्रतिवर्ष है. आगामी बजट से उम्मीद है कि बढ़ रही महंगाई के कारण सरकार धारा 16 (आईए) के प्रावधान में बदलाव करेगी और स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट का दायरा बढ़ाकर सालाना 75,000 रुपये कर देगी.
3. डिडक्शन लिमिट को बढ़ाने की उम्मीद
बजट 2023 से उम्मीद है कि रिटारमेंट प्लान में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार धारा 80CCD(1B) के तहत डिडक्शन लिमिट 50,000 रुपये से बढ़ाकर सालाना 100,000 रुपये कर सकती है.
4. टैक्स स्लैब(tax slab) में बदलाव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स स्लैब में 20 लाख से ज्यादा की इनकम पर 25 प्रतिशत टैक्स की मांग की जा रही है. इसी तरह 10 से 20 लाख की इनकम पर टैक्स 20 प्रतिशत किये जाने की मांग है. मौजूदा टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक टैक्स नहीं लगता है. 2.5 से 5 लाख तक 5 प्रतिशत, 5 से 7.5 लाख तक 20 प्रतिशत टैक्स है. इसी तरह 7.5 लाख से 10 लाख तक 20 प्रतिशत टैक्स लगता है. जिसमें बदलाव की मांग की गई है.
5. 2 साल पुराने टैक्स सिस्टम में होगा बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार 2 साल पुरानी टैक्स व्यवस्था में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है. इससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और उनके पास निवेश के लिए ज्यादा पैसा होगा.
6. रेंटेड प्रॉपर्टी पर इंटरेस्ट के लिए बढ़े डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट के तहत होम लोन पर ब्याज डिडक्शन कई साल से 2 लाख रुपये सीमित है. इसके अलावा, सेक्शन 80सी के तहत मूलधन पर 1.5 लाख रुपये का डिडक्शन मिलता. लेकिन पीएफ, बीमा, स्कूल फीस आदि को जोड़ लें तो यह लिमिट कम पड़ जाती है. इसलिए होम लोन के मूलधन के रिपेमेंट के संबंध में एक अलग डिडक्शन की मांग लंबे समय से हो रही है.